Story in hindi Secrets

कुछ महीनों के बाद एक दिन, कुछ शिकारी जंगल में शिकार करने आये और उन्होंने अपने जाल में शेर को फंसा लिया। वहीँ उसे उन्होंने एक पेड़ से बांध भी दिया। ऐसे में परेशान शेर खुदको छुड़ाने का बहुत प्रयत्न किया लेकिन कुछ कर न सका। ऐसे में वो जोर से दहाड़ने लगा।

एक झोंपड़े के द्वार पर बाप और बेटा दोनों एक बुझे हुए अलाव के सामने चुपचाप बैठे हुए थे और अंदर बेटे की जवान बीवी बुधिया प्रसव-वेदना में पछाड़ खा रही थी। रह-रहकर उसके मुँह से ऐसी दिल हिला देने वाली आवाज़ निकलती थी, कि दोनों कलेजा थाम लेते थे। जाड़ों प्रेमचंद

यह कहानी हमें सिखाती है कि गुरुर Story in hindi और अड़ियलपन हमें हमेशा नुकसान ही पहुंचा सकता है। हमें विनम्र और समझदार होना चाहिए।

इतना ज़्यादा दुखीं होने के वजह से उसने दूसरों में दुख की भावना पैदा की।

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की जीवन में हमेशा समस्याएँ और दबाव होंगे, जैसे कहानी में उबलता पानी। इन समस्याओं पर आप इस तरह से प्रतिक्रिया करते हैं, यही सबसे अधिक मायने रखती है!

हाँ, इसलिए वह चुप है!” बीरबल ने चुपचाप कहा, “हम्म ..। हम्म .

इसलिए जब वो बड़े हो जाते हैं तब उन्हें वही समान रस्सी से भी आसानी से बांध दिया जाता है। उन लोगों की इसी विश्वास की वजह से उन्होंने अब रस्सियों को तोड़ने की कोशिश तक नहीं की। लेकिन देखा जाए तो वो एक ही पल में इन सभी रस्सियों को आसानी से तोड़ सकते हैं, लेकिन वो ऐसा करते नहीं है।

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की आपके पास जो कुछ है उसके लिए संतुष्ट और आभारी रहें। लालच आपको कहीं नहीं ले जाएगा, बल्कि मुसीबत में ही धकेलेगा।

दूसरे दोस्त को इस करतूत के वजह से बहुत ख़राब लगा, क्यूँकि दूसरा दोस्त को पेड़ पर चढ़ना नहीं आता था। ऐसे में उसने अपनी सूझ-बूझ का इस्तेमाल किया। वह ज़मीन पर लेट गया और मृत होने का नाटक करते हुए सांस रोककर वहीं पड़ा रहा।

बहुत समय पहले की बात है, एक अकेला हाथी एक अजीब जंगल में बसने आया। यह जंगल उसके लिए नया था, और वह दोस्त बनाने के लिए देख रहा था।

हंस दिन-ब-दिन बुढ़िया और उसकी बेटियों की मदद करता रहता। बेटियाँ चिड़िया के साथ खेलना पसंद करती थीं और बरसात और ठंड के दिनों में उसकी देखभाल करती थीं!

अगले दिन हंस बुढ़िया के पास गया। उसे देखकर बूढ़ी औरत ने कहा, “मेरे पास तुम्हें देने के लिए कुछ नहीं है!

शिकारी रास्ते से गुज़रते समय एक झील के पास रुका। वहाँ उसने देखा कि घास में एक मरा हुआ हिरण पड़ा था, और कौआ उसकी आँखें नोच रहा था। शिकारी सोचा कि आज उसका भाग्य ही खुल गया है!

एक दिन, नीली मछली किनारे के पास तैर रही थी और उसने मछुआरों की बातें सुनीं। “एक मछुआरा  दूसरे से कह रहा था की, यह नदी में मछली पकड़ने का समय आ गया है। नदी की मछलियाँ यहाँ बहुत भोजन के लिए तैरती होंगी! चलो कल मछली पकड़ने चलते हैं!”

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